रात है गहरी गहरी.... रात है गहरी गहरी....
कुछ इस तरह ऐसा एक क्या पैग़ाम आया ! कुछ इस तरह ऐसा एक क्या पैग़ाम आया !
खुद को सम्हाल ले हुश्नपरी, मैं जादूगर कहलाता हूँ। खुद को सम्हाल ले हुश्नपरी, मैं जादूगर कहलाता हूँ।
और जब डूबे तो दो नाम एक साथ होंगे। और जब डूबे तो दो नाम एक साथ होंगे।
आकर मेरे इस जीवन में तुम इसे अब सुखांत बनाओ ! आकर मेरे इस जीवन में तुम इसे अब सुखांत बनाओ !
वृक्ष और जड़ें वृक्ष और जड़ें